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White फ़िर मेरी रूह भटक रही है तेरी ही गलियों मे

White   फ़िर मेरी रूह भटक रही है तेरी ही गलियों में, 
शायद फ़िर आज मेरा दिल तेरी दरीचों पे बैठा है।

फ़िर सुलग रही है धीमी-धीमी तेरी याद मेरे सीने में, 
शायद फ़िर आज दिल में इक तूफां सा उठा है।

©Kumar Saurabh #sad_dp  शेरो शायरी 'दर्द भरी शायरी' शायरी हिंदी शायरी दर्द हिंदी शायरी
White   फ़िर मेरी रूह भटक रही है तेरी ही गलियों में, 
शायद फ़िर आज मेरा दिल तेरी दरीचों पे बैठा है।

फ़िर सुलग रही है धीमी-धीमी तेरी याद मेरे सीने में, 
शायद फ़िर आज दिल में इक तूफां सा उठा है।

©Kumar Saurabh #sad_dp  शेरो शायरी 'दर्द भरी शायरी' शायरी हिंदी शायरी दर्द हिंदी शायरी