मेरी मोहब्बत की कहानी में लिखा आखिरी खत तुम थे कहूँ पहली या आखिरी दफ़ा मेरा हर शब्द तुम थे सुबह से शाम लिखूँ या जब ढल जाती थी रात उस रात में गुजरा हर लम्हा मेरा वक़्त तुम थे जीत कर भी जिसे हार गयी वो मोहब्बत तुम थे कर ना सकी जो किसी से वो शिकायत तुम थे खामोश होकर भी हम किया करते थे जब बात फिर पहली दफ़ा जो लगी मुझे वो आदत तुम थे खुदा से माँगी हर दुआ में दिल की इबादत तुम थे मतलब से भरी दुनिया में मेरी चाहत तुम थे जला जब शहर मेरे इश्क की दुनिया का मेरा घर जलाने वाले पहले और आखिरी शख्स तुम थे जीने के लिए सांसों से ज्यादा मेरी जरूरत तुम थे छोड़ गये फिर मरने को, है ये भी वो हकीक़त तुम थे रोयी बहुत हैं रातें मेरी बाद तेरे जाने के पर बह ना सका जो आँखों से वो अश्क तुम थे करती रहीं खुद से बार-बार वो जिक्र तुम थे टूटी थी मैं पूरी अन्दर से पर मेरी फिक्र तुम थे सोच हालातों को हसीं आ जाती हैं अपने आखिर किया है जो मैंने बेतहाशा वो सब्र तुम थे ©meri kalpna #Love_poetry #poetry_by_heart #Passionate_writer #loveyourself #lovequotes #lovewhatyoudo #poetryislife #poetrylovers #poetryloving #Memories