'उनका जाना-२' "अज़ीब बात है ना, आज 4 दिनों से माँ की पसंद का खाना बना रही हो, वैसे तो कुछ भी पकाने में देर सबेर कर देती थी। अब वो चली गयीं हैं तो..." "इसका भी अपना सन्निचर है। तुम्हारी माँ ज़िंदा थी, तो मेरा उठना-बैठना, सांस तक लेना हर चीज़ पे उनका धावा था। अब वो नहीं रहीं तो मुझे आँख भर देखने को भी कोई नहीं रहा। नफ़रत ही करती थी, मगर देखती तो थी मुझे.. गली की गुप्ताईन के यहाँ भर पेट खाना खा कर आने वाले 4 दिन से मेरा पकाया भी खा रहे हैं, ये भी बड़ी बात है... नहीं?" #शादी #रोजानमचा #दाम्पत्य #मौत #marriage #Usual #DailyLives #YQbaba #YQdidi #NanoTales 'Death Of Woman's Mother In Law'