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एक बात हुई बेबात को, वो रात बीत गई सिर्फ एक बात को

एक बात हुई बेबात को,
वो रात बीत गई सिर्फ एक बात को।
रिश्तों के सारे धागे उलझे,
जीवन के सारे वादे टूटे,
अपना पराया सब हैं भूले,
लोक लाज सब पीछे छोड़े।
मां बाप सब बच्चे बूढ़े,
ये बात हुई एक रात को।
घर, ज़मीन, गहना कुछ न छोड़ें,
लेकिन सारे रिश्ते नाते तोड़े।
भले ही ना की हो कोई भरपाई,
लेकिन छोड़ी न एक भी पाई,
न देखा भाई न ही भौजाई,
न ही दी मां बाप को अंतिम बिदाई,
बस इस दौलत ने सबसे सबकी दुनिया भुलाई।।

#SHIVANGI ASTHANA SA 🖋️❤️

©Shivangi Asthana #batwara
एक बात हुई बेबात को,
वो रात बीत गई सिर्फ एक बात को।
रिश्तों के सारे धागे उलझे,
जीवन के सारे वादे टूटे,
अपना पराया सब हैं भूले,
लोक लाज सब पीछे छोड़े।
मां बाप सब बच्चे बूढ़े,
ये बात हुई एक रात को।
घर, ज़मीन, गहना कुछ न छोड़ें,
लेकिन सारे रिश्ते नाते तोड़े।
भले ही ना की हो कोई भरपाई,
लेकिन छोड़ी न एक भी पाई,
न देखा भाई न ही भौजाई,
न ही दी मां बाप को अंतिम बिदाई,
बस इस दौलत ने सबसे सबकी दुनिया भुलाई।।

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©Shivangi Asthana #batwara