वो अपनें गांव में इतना मजबूर हो गया!!! कि तेरे शहर में आकर मशहूर हो गया!!! ठोकरों पे ठोकर लगे इतनें कि,,, वो पत्थर चमचमाता कोहिनूर हो गया!!! अजनबी लोग ऐसे करीबी हुए,,, कि अपनो से वो कोशों दूर हो गया!!! नजाकत भरा नूर ऐसा दिखा कि,,, जलता दिया भी खुद से बेनूर हो गया!!! जाम का नाम जिसनें सुना ही नहीं,,, मयकदे में नशे में वो चूर हो गया!!! नवरत्न मिश्रा""अर्पित"" मुम्बई 03/03/2023 ©Navratna Mishra Arpit #CityEvening