चारों ओर मच रही चीख़ पुकार, कहाँ सही है तुम्हारी उपलब्धियों में जनता बेरोजगार, गलत है। अब तो साँस लेना भी मुमकिन नहीं, गलत है। एकदम गलत है। यह ज़रूरी है कि दिन को दिन कहा जाए और रात को रात। सही को सही और ग़लत को गलत। लिखें जो आपकी नज़र में ग़लत है। #ग़लतहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi