कुछ ख्वाब बदलेंगे ,कुछ एहसास बदलेंगे, मंजिले होंगी वहीं,पर अरमान बदलेंगे । एक गांव बदला है ,एक देश बदलेगा, हम सोच बदलेंगे,यह परिवेश बदलेगा। जकरी हुई जो बुराइयां थी, सच का दामन थाम कर खुद को जब बदलेगी,तब यह माहौल बदलेगा। हम उम्मीद रखेंगे,तो परिणाम पाएंगे खुशियों का दामन पसारे घरोंठ तक ले आएंगे आसमान के सारे तारे समेट कर आंचल मै एक दिन अपने इरादों का परिंदा उड़ाएंगे मुस्कान होंगी इनके होठों पे भी जिनको ख्वाब भी आने से कतराते हैं। खुद का मसीहा बन एक दिन वह जगमगाएंगे । वो तिलमिल्यांगे हम ना घबराएंगे नफ़रत के बदले बस प्यार लुटाएंगे। खून की नदियां बहाके मिलना क्या है । हम तो बस प्यार के दिए जलाएंगे। #new_poem