विलीन है मुझमें कोई तीव्र है मुझमें,, ऊर्जा का सार है अंतस का नाद है मेरा पालनहार है,, साक्षी है द्रष्टा है पुष्प सा वो खिलता है चैतन्यता में मेरे वो महकता है, ध्यान केंद्र में विराट वो, कभी सूक्ष्म सा दिखता है,, कभी तांडव करता कभी स्थिर मुझमें वो बसता है,,.. #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #sprituality #sahitya #hindi #poem #kavita