मंजिल करती है अभिवादन और रास्ते है बेवफा, अनभिज्ञ मुसाफिर हैं हम लंबा मुश्किलों का है कारवां, हम आज भी विनम्र हैं और तुम अकडूखाँ। तनहाईयां पुकार रही है हमें अंधेरे रास्तों पर, तेरे हुस्न की खुदाई नूर से रोशन जहाँ लगता है। घंटों सहर वह खाली बेंच इस उम्मीद से है, आएंगे महबूब मेरे बस वह उसी की दीद में है, यामिनी रात उतर आई अब तो,हम आज भी तेरे इंतजार में हैं। क्यों आंख चुरा रही हो, बताओ क्या छुपा रही हो, क्यों चेहरा नूर -ए- ख़िज़ां है, क्यों अंदाज है बदला तुम्हारा,बदली बदली सी जमाने की फिज़ा हैं। #badli_badli_si #competitionsbymanavi #topic #yqdidi #yqbaba #yqquotes #competition #participate Rules regarding competition ✔Aapko har do din me ek topic dia jaega jisme aapko collab krna hai. ✔Time limit: 11:00pm tomorrow night. ✔No word limit. You can surely write in caption. ✔Results will be out the next day.