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#5LinePoetry न जाने वो लहंगा कहां बांधते हैं....

#5LinePoetry न जाने वो लहंगा कहां बांधते हैं....

सुना है सनम की कमर ही नहीं है
न जाने वो लहंगा कहां बांधते हैं

ग़ज़ल कहने वाले हैं लब सिल के बैठे
जो आये थे सुनने; समां बांधते हैं

चलो उन मुसाफ़िरों को साथ ले लो
जो गठरी में आह-ओ-फ़ुगां बांधते हैं

तुम नाहक मेरे स्वप्न रोके खड़े हो
कहीं रस्सियों से धुआं बांधते हैं ?

मेरी शायरी इक इबादत है उनकी
जो पलकों से आब-ए-रवां बांधते हैं....

सुना है सनम की कमर ही नहीं है
न जाने वो लहंगा कहां बांधते हैं.

©Diaryreena #lahnga 
#nojohindi 
 prashu pandey shashi Himanshu Hans  poetryboy
#5LinePoetry न जाने वो लहंगा कहां बांधते हैं....

सुना है सनम की कमर ही नहीं है
न जाने वो लहंगा कहां बांधते हैं

ग़ज़ल कहने वाले हैं लब सिल के बैठे
जो आये थे सुनने; समां बांधते हैं

चलो उन मुसाफ़िरों को साथ ले लो
जो गठरी में आह-ओ-फ़ुगां बांधते हैं

तुम नाहक मेरे स्वप्न रोके खड़े हो
कहीं रस्सियों से धुआं बांधते हैं ?

मेरी शायरी इक इबादत है उनकी
जो पलकों से आब-ए-रवां बांधते हैं....

सुना है सनम की कमर ही नहीं है
न जाने वो लहंगा कहां बांधते हैं.

©Diaryreena #lahnga 
#nojohindi 
 prashu pandey shashi Himanshu Hans  poetryboy
reenaji9209

diaryreena

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