रिश्तों के इस भीड़ में रिश्ता नया एक गढ़ना चाहता हूं है शख्सियत आप की ख़ालिस किताब सरीखी और मैं इस किताब को पढ़ना चाहता हूं। हो इख्तियार में अपनी की छू सकूं रूह को के जब भी हो बेचैनी तुम से पा सकूं सुकूं को मैं तुम्हारे संग संग जीना और तुम्हारे बिन मरना चाहता हूं हां...मैं तुमसे इतनी मोहब्बत करना चाहता हूं।। जीवन के उस छोर पर जहां झुर्रियां उम्र पे हावी हो तुम्हारी बूढ़ी आंखे धुंधली ही सही पर आज जितनी ही मायावी हो चाय की शक्कर मधुमेह से भले दो चम्मच कम हो जाये कंपकंपाते हाथों से तुम्हारे माथे पे मैं सिंदूर भरना चाहता हूँ हां ये सुन लो बड़े गौर से मैं तुम से इतनी मोहब्बत करना चाहता हूं Akaash...Dev💕 ©Aqs...Dev #Dev_love_quots #Couple