White सुख से कमाता खाता हूं मेरे परिवार में क्यों उलझूं मैं, इस जमाने में बेकार में मुझे क्या फर्क, कौन जीता, कौन हारा क्यों फंसूं भला राजनीतिक व्यहवार में किसी और की हार जीत पे जश्न मनाऊं क्या बस यही काम रह गया मुझे संसार में ©_बेखबर #Sad_shayri poetry lovers poetry in hindi poetry quotes poetry on love hindi poetry