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माफ करना मुझे, आज फिर किसीने ये फरमाइश की हे । तुझ

माफ करना मुझे, आज फिर किसीने ये फरमाइश की हे ।
तुझे मुझसे जुदा करके मेरे पास आनेकी ख्वाइश जताई है ।।
पता हे मुझे जान तो दोनों ही मेरी लोगे कभी न कभी ।
फिर भी उसपे हमने अपनी किस्मत आजमाई है ।।

©Abhishek Khunt "અજ્ઞેય" #smoked
माफ करना मुझे, आज फिर किसीने ये फरमाइश की हे ।
तुझे मुझसे जुदा करके मेरे पास आनेकी ख्वाइश जताई है ।।
पता हे मुझे जान तो दोनों ही मेरी लोगे कभी न कभी ।
फिर भी उसपे हमने अपनी किस्मत आजमाई है ।।

©Abhishek Khunt "અજ્ઞેય" #smoked