सोचा कुछ अलग लिखूं जब हर पल हर क्षण बेकार है ऐसे न बोल ऐ कर्मठ क्योंकि तेरी पंगतियों का किसी को इंतज़ार है #hindi #hindipoetry #kavita #shayari #intezar #bekar