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आंखो में चाहे जितना उजला इश्क दिखे। एक दिन मुंसिफ

आंखो में चाहे जितना उजला इश्क दिखे।
एक दिन मुंसिफ को साबित करना होता है।

मैं खुद से चाहे कितना कह लूं,साथ रहेगा तू मेरे।
तेरी बातें सुनकर पीछे कदम हटाना होता है।

घड़ी दी थी ये सोच कर,वक्त मिलेगा अब ज्यादा।
खुद से बांध के रखना तुमको,खुद को घाव लगाना होता है।

मुद्दत के साथ बड़े चाहे कितनी भी सिद्दत।
एक तरफ से चाहे हो कुछ भी, वो खुद को धोखा देना होता है।

खुद का दिल ना दुख जाए फिर एक बार कहीं।
यही सोच कर तुमसे नजर हटाना होता है। 

 मुंसिफ= Judge.
आंखो में चाहे जितना उजला इश्क दिखे।
एक दिन मुंसिफ को साबित करना होता है।

मैं खुद से चाहे कितना कह लूं,साथ रहेगा तू मेरे।
तेरी बातें सुनकर पीछे कदम हटाना होता है।

घड़ी दी थी ये सोच कर,वक्त मिलेगा अब ज्यादा।
खुद से बांध के रखना तुमको,खुद को घाव लगाना होता है।

मुद्दत के साथ बड़े चाहे कितनी भी सिद्दत।
एक तरफ से चाहे हो कुछ भी, वो खुद को धोखा देना होता है।

खुद का दिल ना दुख जाए फिर एक बार कहीं।
यही सोच कर तुमसे नजर हटाना होता है। 

 मुंसिफ= Judge.