अधूरी ही रही मोहब्बत हमारी, ज़िंदगी भर कामिल न हो सकी......... महफ़िलों में हमारी कभी भी, कमबख़्त वो शामिल न हो सकी........ ऐसा मुकद्दर बनाया है हमारा, उस ऊपर वाले ने न जाने क्यों........... हमारी लाख कोशिशों के बाद भी, वो हमें कभी हांसिल न हो सकी......... ©Poet Maddy अधूरी ही रही मोहब्बत हमारी, ज़िंदगी भर कामिल न हो सकी......... #Love#Incomplete#Fulfill#Life#Gathering#Attend#Destiny#Efforts#Get.........