किसी का सवाल बन गयी तो किसी का खयाल बन गयी छोटी सी नाजुक कली… और फिर गुलाब बन गयी निखरता शबाब बन गयी ग़ज़ल की किताब बन गयी छोटी सी नाजुक कली… और फिर गुलाब बन गयी आँगन की गुड़िया अब देखो बड़ी सी मिसाल बन गयी छोटी सी नाजुक कली… और फिर गुलाब बन गयी Nijanand Maurya