बेबाक कोशिश आज एक बार फिर करें, चल टूटे घड़े में आस खुलकर भरें। हाथ में नहीं ज़मीन पर रख के पुर उम्मीद को जगाकर, मोजजा इत्मीनान से भर के। कोटि कोटि गर्ज़ की, इब्रत से परख ले मुसव्विर वो है तू नहीं, मेहनत के हुनर के साथ, दिल पे हाथ अपने तू सुकून से रखले।। -आस्था #shudh hindi