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ढलती शाम उदासीन पंछियां रूठे हुए पेड़ छिपता चाँद बा

ढलती शाम
उदासीन पंछियां
रूठे हुए पेड़
छिपता चाँद
बादलों की घेराबंदी
स्थिर नदियाँ
अधखिले फूल
अलसायी भोर
तपन से इठलाता
मुस्काता अरुण
शातिर हवाएँ
दंभ से अपने 
कर विचलित हर शरीर

फिर भी तुम्हारे प्रेम
को पाने की चाह में
उत्सुकता को छोड़
कोसों दूर
तुमसे उसी मरैया पे
मिलने को आतुर है मेरा मन
जहाँ हमदोनो के अलावा
कोई न हो,शून्य भी नहीं #विचलित_मन 
#प्रेम
#कविता
#yqhindi 
#yqbaba
#yqdidi  

#mothertongue_verse
ढलती शाम
उदासीन पंछियां
रूठे हुए पेड़
छिपता चाँद
बादलों की घेराबंदी
स्थिर नदियाँ
अधखिले फूल
अलसायी भोर
तपन से इठलाता
मुस्काता अरुण
शातिर हवाएँ
दंभ से अपने 
कर विचलित हर शरीर

फिर भी तुम्हारे प्रेम
को पाने की चाह में
उत्सुकता को छोड़
कोसों दूर
तुमसे उसी मरैया पे
मिलने को आतुर है मेरा मन
जहाँ हमदोनो के अलावा
कोई न हो,शून्य भी नहीं #विचलित_मन 
#प्रेम
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#mothertongue_verse
arpitsingh5206

Arpit Singh

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