खि... च......ड़ी....... सवाल शनिदेव का नहीं है सवाल तो अरमानों का है पीढ़ियों से लगी है जो आदत शनिवार को खाने की खिचड़ी अब तो 6 दिन पकती है खिचड़ी क्योंकि इसी से तो अरमान सजे हैं पकवान,मकान और दुकान सजे हैं शौक, अरमान और ईमान सजे हैं बाबुओं की सेज और जेब सजी है बड़े अरमानों वाली है यह खिचड़ी जनाब ! यह ख्वाबों वाली खिचड़ी है बड़े अरमानों वाली खिचड़ी है खि... च......ड़ी.... # लूट # छूट #