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मैं नहीं जानता कि मेरा जीवन क्या है बचपन से जैसा

मैं
 नहीं जानता कि मेरा जीवन क्या है बचपन से जैसा समाज देखा बस लोगों की तरह जीता रहा पर कभी-कभी तो सब कुछ झूठा लगता है जो कुछ भी हम अपनी लाइफ में करते हैं वह समय के साथ गुजर जाता है लोग यहां बस अपनों के लिए जीते हैं बेसहारा का तो मुझे यहां घर उजड़ा लगता है आजकल लोगों में होड़ है दौलत पाने की फिर भी इंसान अकेला सा लगता है बस हाथ जोड़कर प्रभु तुझ से विनती करता हूं मैं आप ही के बनाए रास्ते पर चलना चाहता हूं ओम नमः शिवाय

©Chandel Gujjar अमित गुज्जर

#Sawankamahina
मैं
 नहीं जानता कि मेरा जीवन क्या है बचपन से जैसा समाज देखा बस लोगों की तरह जीता रहा पर कभी-कभी तो सब कुछ झूठा लगता है जो कुछ भी हम अपनी लाइफ में करते हैं वह समय के साथ गुजर जाता है लोग यहां बस अपनों के लिए जीते हैं बेसहारा का तो मुझे यहां घर उजड़ा लगता है आजकल लोगों में होड़ है दौलत पाने की फिर भी इंसान अकेला सा लगता है बस हाथ जोड़कर प्रभु तुझ से विनती करता हूं मैं आप ही के बनाए रास्ते पर चलना चाहता हूं ओम नमः शिवाय

©Chandel Gujjar अमित गुज्जर

#Sawankamahina