मुसाफिर सा जीना चाहता हूं । ना मंज़िल,ना ठिकाना चाहता हूं ।। सफर ही सफर चाहता हूं । होना दुनिया से बेखबर चाहता हूं ।। ढलता सूरज जो ठिकाना बतलाए । मंजिल वह हम अपना बनाए ।। उगता सूरज मुझे बताए । छोड़ वो ठिकाना हम जाए ।। सफर की फिर हम चल जाए ।। #मूसाफिर #मुसाफिरानाज़िंदगी #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqdada #Pk_Pankaj