पिता! अपार प्रेम , सपनों का उदय बोझ जिम्मेदारी का,कठोर हृदय।। छांव बनकर जो धूप से बचाए ज्योत के भांति अंधकार भगाए आराम भूलाकर चैन की नींद सुलाए पूरी दुनिया से पिता बुलाए।। #father_love_and_responsibilities #पिता