तेरी परछाई से ही, तेरी परछाई से ही बना हूं, तू मुझसे दूर होने की बात कहती है। रहूंगा बनकर साया तेरे साथ में, तू खुद को क्यों अकेला महसूस करती है।। मुसाफिर