आज मेरो बेज़ुबानी को आवाज़ मिल गये, आँसुओ को बहने के जज़्बात मिल गये, जाने से तेरे मनो जीने की वजह ही बेवजह हो चली थी मनो, सच कहूं तो आज मेरी ख़ामोशी को अल्फ़ाज़ मिल गये।।