White सच को सच, झूठ को झूठ, सही को सही और ग़लत को ग़लत कहने की मुझे आदत है। मेरी इसी आदत से अक्सर लोगों को शिकायत है। मेरी बातों से बड़े हक़ नाराज़ तो हो जाते हैं लोग लेकिन मेरी बातों में ग़लत क्या होता है, उसी हक़ से ये क्यूॅं नहीं बताते हैं लोग?? मैं अक्सर वही कहती हूॅं, वही लिखती हूॅं जो मैं दिल से महसूस करती हूॅं । दिमाग़ से सोची हुई बातें तो ख़ैर ग़लत हो सकती हैं लेकिन उन बातों को ग़लत कैसे कहूॅं ?? जो मैं दिल से महसूस करती हूॅं । ©Sh@kila Niy@z #basekkhayaal #basyunhi #Dil #dimaag #baatein #ehsaas #nojotohindi #Quotes #18Nov