Nojoto: Largest Storytelling Platform

जानबूझ के चीज़े भूल जाता हूं मंहगाई का आलम है साहब

जानबूझ के चीज़े भूल जाता हूं
मंहगाई का आलम है साहब घर हमारा ही होता है लेकिन यहाँ तक पहुँचना भी हमारे लिए मुश्किल हो जाता है, क्योंकि घर  पर हमारा शरीर तो पहुँच जाता है, मन बाहर ही भटकता रहता है।
#घरपहुँचते #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
जानबूझ के चीज़े भूल जाता हूं
मंहगाई का आलम है साहब घर हमारा ही होता है लेकिन यहाँ तक पहुँचना भी हमारे लिए मुश्किल हो जाता है, क्योंकि घर  पर हमारा शरीर तो पहुँच जाता है, मन बाहर ही भटकता रहता है।
#घरपहुँचते #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
harkita3411

Hari Mohan

New Creator