एक खौफ़ हमेशा बना रहता है, आपको खोने का डर लगा रहता है, आप नहीं हैं फिर भी हर पल साथ हैं, हर जगह में एक नक़्स आपका रहता है, आंखें बंद करने से डरता हूं मैं, हर बार ये कैसा आपका मरना होता है, सपने भी अजी़ब आते है आज-कल, नींद खुलती है तो जां दिल से निकला होता है, वहीं डर जो अंतिम समय था आपके मेरे, कि मैं कितना ज़्यादा सहमा होता हूं, समय के चक्रव्यूह में कैसा फंसा हूं मैं, आपको को खोने का ग़म हर-बार एक जैसा होता है, सिसकियां भरता हूं रातों को अकेले, यूं मां के आंचल के बिना कहां-कहीं सकूं होता है। एक खौफ़ हमेशा बना रहता है, आपको खोने का डर लगा रहता है, आप नहीं हैं फिर भी हर पल साथ हैं, हर जगह में एक नक़्स आपका रहता है, आंखें बंद करने से डरता हूं मैं, हर बार ये कैसा आपका मरना होता है,