बस बहुत हो गया, जितना प्यार देना था। बस उसी में करले खुदको बंद, क्या कमी रह गयी थी इन पलको में। ज़ो इतनी तन्हाई दे गए मुझे इस फुर्सत में, जगाने के बजाय अंधकार सा कर गए। ऐ हमसफ़र जाने तुम कहाँ चल दिए, किस हाल में छोड़ गए यूँ मुँह फैर के। तुम्हे कोई खबर हैं किस गली छोड़के, मुड़ते पर कहाँ किस वजह फिर चले। इतनी फुर्सत की दूर कर दिए, फासले भी इतने की थमा नही करते। जाने यूँ कही रूका नही करते, पलभर भी साथ रहा नही करते। फिर भी अनजाने से क्यों लगा नही करते, जाने क्यों यूँ तनहाँ रहा करते। इतना आसान होता तो यूँ नही वजह दिया करते, हर बार बयां स्वीकार कर लिया करते। दिल! दरवाज़ा कर ले बंद... #दरवाज़ादिलका #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi