कहते दिल ❤️ वालों की दिल्ली रहते यहां सब बन भीगी बिल्ली धूल धूंए का जगह जगह पर यहां बसेरा पर्यावरण की फ़िक्र किसे है चलता है मीलों का डेरा भूखे मरते हैं यहां बच्चे फिर भी नेता यहां बनते सच्चे अफसर शाही रौब दिखाते बात किसी की समझ न पाते सरकारों का बेतन खाकर पब्लिक की यह खूब पचाते हाल यहां अब ऐसा है पास में जिसके पैसा है वो दुनियादारी सिखलाता दिनभर मेहनत करने वाला वो मजदूर यहां पर बीच सड़क पर भरी घुटन से तड़प तड़प मर जाता पं. अश्वनी कुमार मिश्रा #nojoto news @Hindustan