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सबकी उँगली मुझ पे थी, क्या मैं इतना सस्ता था।। ~

सबकी उँगली मुझ पे थी,

क्या मैं इतना सस्ता था।।

~~क्षितिज रस्तोगी इक श़े'र 
समात फरमाइए कि

सबकी उँगली मुझ पे थी,

क्या मैं इतना सस्ता था।।
                 ~~क्षितिज रस्तोगी
#jashnerekhta
सबकी उँगली मुझ पे थी,

क्या मैं इतना सस्ता था।।

~~क्षितिज रस्तोगी इक श़े'र 
समात फरमाइए कि

सबकी उँगली मुझ पे थी,

क्या मैं इतना सस्ता था।।
                 ~~क्षितिज रस्तोगी
#jashnerekhta