दिल को तेरी तिश्नगी है दिल को तेरी आरजू तू क्या जाने मुझपे छाया तेरा कितना सरूर पर तुम समझे ही नहीं, ये तुम्हारा है कसूर हम तो तुम्हें चाहेंगे ,इस दिल से हम मज़बूर ढूढते अंधेरी गलियों में हम यूँ ही मर जाएंगे ये आवारगी तेरे लिए , हम हद से गुजर जाऐंगे कभी मोहब्बत तो कभी नफरतों में तुम्हें चाहेगें ये मेरा दीवानापन है सनम, तुम्हें नहीं भूलाऐंगे ।। कभी मोहब्बत तो कभी दर्द उन्हें बनाऐंगे हाँ Queen ,,,,,,,, ये कोराकाग़ज़ हम उनके नाम कर जाऐंगे ।। 🎀 Challenge-212 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।