उसके बालों पर जब गुलाब सजे, जैसे अंधियारे में चाँद जले। हल्की बयार में लहराते घुंघराले, जैसे सागर में उठते हों मतवाले। गुलाबी रंग ने छेड़ा जब गगन, उसकी मुस्कान ने छू लिया मन। हर लट में जैसे सजी हो कहानी, जादू सा बिखेरती उसकी जवानी। महकती खुशबू, वो गुलाब की बात, उसके बालों में छुपा स्वर्ग का ख्याल। हर नजर ठहर जाए, हर दिल मचल जाए, उसके रूप का जादू हर जगह छा जाए। उसके बालों पर जब गुलाब झूमे, हर मोड़ पर ख्वाब मेरे बस घूमें। जैसे वसंत का जादू हो हर ओर, उसकी सुंदरता से भर जाए सारा कोर। ©Bijendra Singh Pal सुरेश अनजान