रिमझिम शाम, कहीं न जाने की शाम, कुछ न करने की शाम, लेकिन दिल में इक हलचल सी, जो मुझे अंदर खींचे जा रही है। दिल को मुझसे कोई बात करनी है शायद, शायद कई सदियों से दिल में दबी हुई बात। यह मुझे खोई हुई चीजों के बारे में बताना चाहती है या शायद जिनको पाया और फिर से खो दिया जैसा जैसे मैं सुन रहा हूँ, वैसे वैसे एक मधुर उदासी मेरे अन्तर्मन में अजीब सी सरसराहट भर रही है। मिठास के नशे में इस दर्द के नशे में मानो जन्मों जन्मों की प्यास बुझ गई है। और मैं इस एकांत में वही कहीं बैठकर, बारिश की शांत आवाज़ सुनता रहता हूँ। ©Sameer Kaul 'Sagar' #rimjhim_thoughts #baarish #rain #urdu #poetry #ghazal #love #pyaar #alone #sameerkaulsagar