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राज दिल के..बताऊँ कैसे.. पुष्प प्रेम के..सजाऊँ कै

राज दिल के..बताऊँ कैसे.. 
पुष्प प्रेम के..सजाऊँ कैसे.. 
डर लगता है जमाने का.., 
प्रियतम को..समझाऊँ कैसे..।

थमी साँसें..सुनाऊँ कैसे.. 
ठंडी हवा..ठहराऊँ कैसे.. 
डर लगता है तुफ़ानो का..,
हमदम को..समझाऊँ कैसे..।

रात हसीन..दिखाऊँ कैसे..
मिजाज़ रंगी.. जताऊँ कैसे.. 
डर लगता है इरादों का.., 
हमसफर को..समझाऊँ कैसे..।

खुशी के लम्हें.. बनाऊँ कैसे.. 
सपनें नन्हें.. सजाऊँ कैसे.. 
डर लगता है आहटों का.., 
राज दिल के.. बताऊँ कैसे..।

कवि आनंद दाधीच बेंगलूरु भारत

©Anand Dadhich #राज_दिल_के #lovepoems #kaviananddadhich #poetananddadhich #poetsofindia 

#Flower
राज दिल के..बताऊँ कैसे.. 
पुष्प प्रेम के..सजाऊँ कैसे.. 
डर लगता है जमाने का.., 
प्रियतम को..समझाऊँ कैसे..।

थमी साँसें..सुनाऊँ कैसे.. 
ठंडी हवा..ठहराऊँ कैसे.. 
डर लगता है तुफ़ानो का..,
हमदम को..समझाऊँ कैसे..।

रात हसीन..दिखाऊँ कैसे..
मिजाज़ रंगी.. जताऊँ कैसे.. 
डर लगता है इरादों का.., 
हमसफर को..समझाऊँ कैसे..।

खुशी के लम्हें.. बनाऊँ कैसे.. 
सपनें नन्हें.. सजाऊँ कैसे.. 
डर लगता है आहटों का.., 
राज दिल के.. बताऊँ कैसे..।

कवि आनंद दाधीच बेंगलूरु भारत

©Anand Dadhich #राज_दिल_के #lovepoems #kaviananddadhich #poetananddadhich #poetsofindia 

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