Nojoto: Largest Storytelling Platform

सोच रही हु, कितना कुछ लिख दिया है मेने, लिखने के ब

सोच रही हु, कितना कुछ लिख दिया है मेने,
लिखने के बाद आप तक पहुंचा की नही,
फिर भी लिखती जा रही हु,
हर वक्त, हर पल, 
बस,
यादों में खोई सी रहती हु,
बस,
इंतजार रहता है,
अल्फाजों का यहां,
अब तो लगता है,
हम लिखते लिखते,
चले जायेंगे,
फिर आओगे,
मेरी,मझार  पर,

©ADV.काव्या मझधार( DK) महाकाल उपासक
  #teatime #मेरी_मझार_पर #दिल_की_कलम_से #दिल_कि_बात💓 
❤️❤️❤️❤️ से ❤️❤️❤️❤️तक

#teatime #मेरी_मझार_पर #दिल_की_कलम_से दिल_कि_बात💓 ❤️❤️❤️❤️ से ❤️❤️❤️❤️तक #कविता

306 Views