सीने में धधकती है आग बदले की आज,आतंक के ख़ात्मे का वक़्त अब आया है। लेंगे प्रतिशोध हम ज्वाला है धधक रही,कायरों ने आज रक्त शेरों का बहाया है। पाक तेरी हरकत ना गँवार गुज़री है,तूने चंद गीदड़ों को फिर बहकाया है। अब तेरी खैर नही बाकियों से बैर नही,हमनें काल के कपाल पे तिरंगा फहराया है।। सीने में धधकती है आग बदले की आज,आतंक के ख़ात्मे का वक़्त अब आया है। लेंगे प्रतिशोध हम ज्वाला है धधक रही,कायरों ने आज रक्त शेरों का बहाया है। पाक तेरी हरकत ना गँवार गुज़री है,तूने चंद गीदड़ों को फिर बहकाया है। अब तेरी खैर नही बाकियों से बैर नही,हमनें काल के कपाल पे तिरंगा फहराया है।।