किसी को मुस्कान की जरुरत पडी कोई बे वजा मुस्कुरा बेठा कोई दुख खरीद रहां था दुनियां कि भीड मैं कोई मिला जो शुकून हाथों में थमा बैठा ।।,,,कार्तिक जी neelam rawat Ritisha Jain Sandhya sona singh palak #मैं_लिख_रहा_था_जो_मुश्किल_सा_हो #मुकद्दमें #मोहब्बत_के_हर_हर_रोज_नहीं_किये_ #जाते ।। #कार्तिक_जी ✍