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काश! लौट जाऊ बचपन की हसींन वादियों में, जहाँ न दिल

काश! लौट जाऊ बचपन की हसींन वादियों में,
जहाँ न दिल टूटते हैं,
न अपने रुठते हैं,
न होती है चिंता किसी बात की ,
काश! लौट जाऊ बचपन की हसींन वादियो में।
न गमो के अँधेरे है,
न दुःखो के बादल,
हैं अपनी ही दुनिया,
हैं अपनी ही बाते ,
काश! लौट जाऊ बचपन की हसींन वादियो में।
न छुप के रोना,
न घुट के हँसना,
न किसी से हैं  शिकवा,
न शिकायत किसी से ,
काश! लौट जाऊ बचपन की हसींन वादियो में।
काश! लौट जाऊ बचपन की हसींन वादियों में,
जहाँ न दिल टूटते हैं,
न अपने रुठते हैं,
न होती है चिंता किसी बात की ,
काश! लौट जाऊ बचपन की हसींन वादियो में।
न गमो के अँधेरे है,
न दुःखो के बादल,
हैं अपनी ही दुनिया,
हैं अपनी ही बाते ,
काश! लौट जाऊ बचपन की हसींन वादियो में।
न छुप के रोना,
न घुट के हँसना,
न किसी से हैं  शिकवा,
न शिकायत किसी से ,
काश! लौट जाऊ बचपन की हसींन वादियो में।
asthagupta1539

Astha Gupta

New Creator