सीरिया में फूटे हैं दुःख के बादल, हर तरफ़ मातम हैं हर तरफ़ खून। जिसका रंग भी लाल हैं ठीक उनके खून की तरह ,हमारे तुम्हारी तरह। देख नजारा सुन हो गए हम सब आखों के आँसू भी सदमें में हैं। चाँद के होश भी उड़े हुए हैं , आज ज़मीन पर कई तारों ने दम तोड़ा हैं । किसे एक हैवान ने इंसानियत को दाग़ दाग़ कर दिया । पूछना चाहता हूँ मैं उस ऊपर वाले से इस हैवान को ज़मीन पर क्यों उतारा होगा? ये दिन देखने के लिए हमने अपनी दुनिया नहीं बसाए थी। अपना घर ,अपना परिवार, अपने बच्चे ,मुझे अपना कहने वाले ,तूने तो सब एक पल में छीन लिया। क्या करूँ गया अब मैं जी कर...? किसके लिए जीऊ? अब बचा ही क्या हैं? तू ही बता दे ऊपर वाले। #syria #nojoto #poetry इतु सा पैग़ाम सीरिया के लोगों की जुबान से निकलते निकलते रुके हुए शब्दों के नाम। सीरिया में फूटे हैं दुःख के बादल, हर तरफ़ मातम हैं हर तरफ़ खून। जिसका रंग भी लाल हैं ठीक उनके खून की तरह ,हमारे तुम्हारी तरह। देख नजारा सुन हो गए हम सब आखों के आँसू भी सदमें में हैं।