बस मुस्काकर जाने कितनी तहें कुरेदे देते हो औचक आकर एक फूँक भरकर मरहम रख देते हो सचमुच प्रिय मन की थाती हो मनमानी मन की भाँति हो सन्नाटे की जमी रेत पर शीतस परचम रख देते हो उगकर नयनों में चिर प्रकाश ऊष्मित उर्जित कर देते हो उत्कट मन की अनगिन कैसी विकट परीक्षा लेते हो #toyou#yqwhy#time#yqpatience#yqlove#yqlife#yqfindingin