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किसी को जलने से किसी को जलाने से फुर्सत ही कहा मैं

किसी को जलने से
किसी को जलाने से फुर्सत ही कहा
मैं चाहता तो आग बुझा देता
मगर कौन बचा है
आखिर बुझाने से यहाँ...

तुम जो  ये साजिशों, मक्कारियों
में मुक्तला रहे हो
जो हमने खोल दी मुट्ठी
आँखें फटी-की-फटी रह जायेगी ।


अब तुम हमे रब कहो
या बूत समझो
हमे इतना है मालूम
जिक्र जब भी मोहब्बत 
का आये
बड़े ही अदब से 
न चाहते हुए
हमे बुलाया जा रहा है। #मैं और #मेरा #प्रमाण...
किसी को जलने से
किसी को जलाने से फुर्सत ही कहा
मैं चाहता तो आग बुझा देता
मगर कौन बचा है
आखिर बुझाने से यहाँ...

तुम जो  ये साजिशों, मक्कारियों
में मुक्तला रहे हो
जो हमने खोल दी मुट्ठी
आँखें फटी-की-फटी रह जायेगी ।


अब तुम हमे रब कहो
या बूत समझो
हमे इतना है मालूम
जिक्र जब भी मोहब्बत 
का आये
बड़े ही अदब से 
न चाहते हुए
हमे बुलाया जा रहा है। #मैं और #मेरा #प्रमाण...
abhisri0950577

abhisri095

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