Nojoto: Largest Storytelling Platform

हसने कि आदत बनलिया हमने लोग सोचते है कि ग़मों का सम

हसने कि आदत बनलिया हमने लोग सोचते है कि ग़मों का समाना सायद नहीं हुआ है

लेकिन वोह नहीं जानते ग़मों के समुदर मैं असियाना मेरा है

खुद को बेआबरू करके खुश होते है हम लोग सोचते हे कि आबरु क्या होता है इसे पता नहीं है

लेकिन वोह नहीं जानते इस आबरू हि तो हमे ज़िंदा लाश बनाया है

अकेलापन तो खुशियों का खजाना है हमने मान लिआ है लोग सोचते हे कि महफिल रोनक इसे पत्ता नहीं है

लेकिन वोह नहीं जानते इस महफिल ने मेरे रुह का अंत किआ है

  #लोग  #सोचते कि  #quote #quotestagram #quotebaba #quotedidi #quotereview
हसने कि आदत बनलिया हमने लोग सोचते है कि ग़मों का समाना सायद नहीं हुआ है

लेकिन वोह नहीं जानते ग़मों के समुदर मैं असियाना मेरा है

खुद को बेआबरू करके खुश होते है हम लोग सोचते हे कि आबरु क्या होता है इसे पता नहीं है

लेकिन वोह नहीं जानते इस आबरू हि तो हमे ज़िंदा लाश बनाया है

अकेलापन तो खुशियों का खजाना है हमने मान लिआ है लोग सोचते हे कि महफिल रोनक इसे पत्ता नहीं है

लेकिन वोह नहीं जानते इस महफिल ने मेरे रुह का अंत किआ है

  #लोग  #सोचते कि  #quote #quotestagram #quotebaba #quotedidi #quotereview