डर सबको लगता है पर आगे भी तो बढना हैं, इस अंधेरे में कितना रहूँ अब में, अब यहाँ से निकलना हैं, अपने मंजिल तक पहुँचना हैं, तकलीफें तो हैं इस रास्ते में, पर बस पल भर के लिए, उसके बाद तो सुकून भरा मंजिल मेरा, मेरे साथ होगा, ये अंधेरा से फिर न मुलाकात होगा। ©Razzj D support me Friends for more #AdhureVakya