।। मौसम-ए-बहार ।। आज नही हुआ जो तो कल होगा इक दिन में ही नही बूँद बूँद से ही ये सागर भरा होगा कभी उफनते तूफानों को सीने में दबा लोगे.. कहीं इक कतरे को पलकों में थामना मुश्किल होगा कड़वी बातों से ही हर बार ना अंदर तक चूर चूर होगा मीठी मुस्कान से ही इस बार रिश्ता.अर्श से फ़र्श होगा आज पतझड़ है तो ,क्या ग़म कल का दिन बहारों से भरा होगा तुम्हारा वक़्त आज.. मेरे लिये है कल का मेरा वक़्त सिर्फ़ तेरे लिये होगा @विकास ©Vikas sharma #zindagikerang मौसम-ए-बहार