ग़ज़ल नारों में रंगा जिनका पजामा कमीज है वो कह रहे हैं हमको बड़ा बदतमीज़ है देखो तो पूछते हैं कभी प्यार भी किया मैं पूछता हूँ ये कोई करने की चीज़ है फसलें तो सारी ले गये खेतों से सेठ जी हम तो किसान हैं अपने हिस्से में बीज है अब तो तमाम झरने भी मुश्किल में हैं "धरम" गंगा सफाई का उनका ठेका है लीज है @धर्मेन्द्र तिजोरीवाले "आज़ाद" #गंगासफाई