एक गीत ००००००००००००००० गीत हवा संग गाती होगी, फूलों संग मुसकाती होगी, दिल में कुछ तो होता होगा, याद मेरी जब आती होगी। बालों को सहलाती होगी, चांद दिखे शर्माती होगी, गोया, मंज़र कैसा होगा, याद मेरी जब आती होगी। राधा सी बन जाती होगी, मन में मुझे रमाती होगी, सोचूं लमहा कैसा होगा, याद मेरी जब आती होगी। मूरत सी हो जाती होगी, रात पड़े घबराती होगी, दीप भी जलता बुझता होगा, याद मेरी जब आती होगी। याद मेरी जब आती होगी।। ०००००००००००००००००० पंकज 'अंजान' सारस्वत #अंजान#सारस्वत#नवगीत#