बढ़ते हैं कई कदम सपनों की तरफ रोज़ाना, जो मंज़िल तक पहुंचा दे उसे आग़ाज़ कहते हैं। यूं तो खुल जाते हैं कई मुंह भीड़ में अक्सर, जो सन्नाटे में इंकलाब ला दे उसे आवाज़ कहते हैं।। ©Ambi #इंकलाब #rain