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मंगल गीत बधाईयाँ लेकर फिर चांदनी चमकी है। सुनहरी क

मंगल गीत बधाईयाँ लेकर
फिर चांदनी चमकी है।
सुनहरी कोमल किरणो से 
प्रभा प्रखर फिर दमकी है। 
तारो की झिलमिल चादर में 
उजियारा खोज रहा मेरा मन।
भोर हुई चिड़िया चहकी
आगमन हुआ नया संवत। 
कोमल कलिया मेहकेंगी 
मधुर मधुर गुण गायेगी।
प्रफुल्लित हो जाएगा मन उपवन 
लाख बधाईयाँ आएंगी।

©PRIYANSHI MITTAL #navratri #celebration #Poetry #poem #musingtime #musingsoflife #Mythology #nojota #Nojoto
मंगल गीत बधाईयाँ लेकर
फिर चांदनी चमकी है।
सुनहरी कोमल किरणो से 
प्रभा प्रखर फिर दमकी है। 
तारो की झिलमिल चादर में 
उजियारा खोज रहा मेरा मन।
भोर हुई चिड़िया चहकी
आगमन हुआ नया संवत। 
कोमल कलिया मेहकेंगी 
मधुर मधुर गुण गायेगी।
प्रफुल्लित हो जाएगा मन उपवन 
लाख बधाईयाँ आएंगी।

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