मैंने कहा था तुम प्यार मत करना। तुमने भी कहा इन्तजार मत करना। चाहतों के सफ़र में सिर्फ़ रुस्वाई है! यूँ ही तुम मुझ पे एतवार मत करना। मज़ाक़ -मज़ाक़ में मोहब्बत हो गई। अब हो गई है तो इनक़ार मत करना। चलन निभाना तुम इश्क़ का हमदम! तोहमत लगाके मुझे ज़ार मत करना। मैं तेरे साथ क़दम मिला कर चलूँगा! चल देना तुम कोई क़रार मत करना। चाहत में आज़ादी अक़्सर ख़्वाब है। 'पंक्षी' ख़्वाब को आज़ार मत करना। ♥️ Challenge-626 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।